AcharyaLS Acharya L S
ख्वाब में खोजो कोई उनवान पढो ख्वाब की तासीर पहचानो तो कुछ बात बने जिन्दगी हर ख्वाब की ख्वाहिश ही हुआ करती है ." ----
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ख्वाब में दर्ज हैं ख्वाहिश की इबारत यारो हकीकत जब हाशिये पर हो, हसरतें हांफती हों
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ख्वाब जब आँख में हों तो आंसू बन कर अपने अहसास को अकेले में नमी दिया करते हैं ख्वाब गर हों तेरी आँख में तो सहेजो इनको
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ख्वाब जब रूह से मिलते हैं तो इह्लाम हुआ करते हैं ख्वाब जब देह से मिलते हैं तो इल्जाम हुआ करते हैं
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देह वह पुल है जिसके ऊपर तारों से चमकते हैं ख्वाब और इस पुल के नीचे बहुत दूर तलक
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"खामोश सी दिखती खला को खंगालो तो कोई ख्वाब दिखे ख्वाब की तासीर पहचानो तो कुछ बात बने
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