जिहादी बेबकूफ सभी जगह मिलते हैं | फ़्रांस की एक अदालत ने नसीम मैमून नामक शख्स को 6 माह के लिए जेल भेज दिया है, क्योंकि नसीम ने एक अस्पताल की नर्स पर इसलिए हमला कर दिया था, क्योंकि उस नर्स ने "डिलीवरी" के दौरान उसकी खातून का बुरका हटा दिया था…। हैरान हो गये न आप? अभी और आगे तो पढ़िये…

जब वह नर्स उसकी गर्भवती पत्नी का चेक-अप कर रही थी, तभी नसीम मैमून ने उसे खातून का बुरका नहीं उठाने बाबत धमकाया था, नहीं मानने पर उसने उस महिला नर्स पर "बलात्कार"(?) का आरोप भी लगा डाला…। जब नसीम को धक्के मारकर ऑपरेशन थियेटर से बाहर कर दिय गया तो उसने छोटी काँच की खिड़की से देखा कि बुरका हटाया गया है, तब वह और उग्र हो उठा तथा उसने दरवाजे को जबरन खुलवाकर महिला नर्स के चेहरे पर प्रहार कर दिया…तब उसे गिरफ़्तार कर लिया गया…। फ़्रांसीसी न्यायाधीश ने अपने निर्णय में कहा कि, "धार्मिक मान्यताएं, देश के कानून से ऊपर नहीं हो सकतीं…"।

कृपया ध्यान दीजिये, कि चेहरे से बुरका नहीं हटाने के लिए "प्रतिबद्ध"(?) यह युवक पढ़े-लिखे-समृद्ध देश फ़्रांस का नागरिक है, सूडान या नाईजीरिया का नहीं…। क्या अब भी बताना पड़ेगा कि "ब्रेन-वॉश" किसे कहते हैं…?

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चुटकी वाली टीप :- जज के उस वाक्य के बाद समूचे यूरोप में फ़्रांसीसी न्यायाधीशों की माँग अचानक बढ़ गई है… :) :) बहरहाल… जिन सेकुलरों और वामपंथियों को अक्सर, मेरी बातें झूठ और बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई, प्रतीत होती हैं, उनके लिए लिंक भी पेश है… Good Afternoon... मित्रों… :)

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