तमाचा छाप की काली छाया मीठा-मीठा गप-गप कड़वा-कड़वा थू-थू राजनीति की तो फितरत ही है अवसरवाद ! पर देश कि सबसे पुराणी पार्टी कांग्रेस कि महिमा वाकई अपरम्पार है ! हाल के विधानसभा चुनावों में वह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के साथ कनिष्ठ भागिदार थी तो तमिलनाडु में करूणानिधि की द्रमुक के साथ ! पश्चिम बंगाल में ममता की जीत का परचम लहराया तो तमिलनाडु में द्रमुक की लुटिया बुरी तरह डूब गयी ! उधर चुनाव नतीजे आये, इधर कांग्रेस के सुर बदल गए ! बंगाल में कांग्रेस ममता की जीत में ''बेगानी शादी में अब्दुला दीवाने'' की तरह अपनी पीठ थपथपा रही थी तो तमिलनाडु में अपने गठबंधन को विपक्ष के नेता की हैसियत भी न मिल पाने पर टिपण्णी आई की वहाँ तो हमारा कुछ दांव पर ही नहीं था ! यह हाल तो तब है कि पिछली विधानसभा के मुकाबले कांग्रेस की २० सीटों की ज्यादा मांग ने चुनाव पूर्व ही गठबंधन दांव पर लगा दिया था ! भ्रष्टाचार, कुशासन और परिवारवाद के बोझ तले दबे करूणानिधि तो झुक गए, पर मतदाताओं ने दोनों को अर्श से फर्श पर ला दिया ! |
Comments
Post a Comment